गोधन के गीत | कांच हि पात के चादर हो
- मुकुल मिश्रा |

कांच हि पात के चादर हो
सोभेले कृष्णा बाबू के कान्ह
ओहि रे बिहरिया के सेनुर हो
सोभेला सुनैना बहु के मांग
कांच हि पात के चादर हो
सोभेले शुभम-शिवम बाबु के कान्ह
ओहि रे बिहरिया के सेनुर हो
सोभेला दुलहिनिया बहु के मांग
First Update: 02 November, 2013 04:52 PM