'गईले मरद जिन्ह खईले खटाई'
- इंफोटेनमेंट डेस्क |

सेक्स तब नाकाम हो जाला जब एकरा के सिर्फ शरीर के जरूरत मान लिहल जाला।
सभ केहु जानेला कि पति-पत्नी के संबंध विश्वास अवुरी प्रेम के आधार प आगे बढ़ेला। शारीरिक संबंध ए संबंध के अवुरी मजबूत देवेला, लेकिन सेक्स खातिर खाली शरीर ना, मन के स्वस्थ रहल भी जरूरी बा।
बियहुता जीवन में सेक्स तब नाकाम हो जाला जब एकरा के सिर्फ शरीर के जरूरत मान लिहल जाला। एही विषय प दिल्ली के डा. सविता त्यागी विस्तार से बतवली –
ढीलापन
जब पुरुष में सेक्स के इच्छा होखेला त ओकरा इन्द्रिय के खून के दबाव बढ़ेला अवुरी नतीजा में इन्द्रिय में तनाव अवुरी कठोरता आवेला, लेकिन जब पुरुष भय, चिंता चाहे तनाव में रहेला त इन्द्रिय के कठोरता खतम हो जाला चाहे कम हो जाला। अयीसन लोग के मानसिक रूप से नपुंसक कहल जाला।
मानसिक तनाव
मानसिक परेशानी के स्थिति में इन्द्रिय में जरूरत भर तनाव ना पैदा होखेला, जवन कि सेक्स में नाकामी के प्रमुख कारण बनेला। तनाव के स्थिति में पुरुष के दिमाग जादा समय ओ तनाव के विषय प केन्द्रित रहेला, जेकरा चलते इच्छा रहते, उ सेक्स में अक्षम हो जाला।
तीत, गरम, खट्टा के जादा खोराक
बचपन में सुनले होखब – 'गईले मरद जिन्ह खईले खटाई'। जादा तीत, गरम अवुरी खट्टा चीज़ के खाएवाला मर्द के वीर्य खराब हो जाला, जवना के चलते पति-पत्नी ए सुख के आनंद ना ले पावेले।
पत्नी में सहयोग का अभाव
जादातर मध्य वर्ग के महिला अभियो सेक्स के मामला में पहल कईल पसंद ना करेली, चाहे ए क्रिया के दौरान सहयोग ना करेली। कुछ महिला अपना शरीर के अयीसन बेढंगा राखेली कि पति के इच्छा के बावजूद उ अपना पत्नी के ओर आकर्षित ना होखस।
चरम से बेपरवाह
जवना प्रकार से पत्नी के इच्छा रहेला कि उनुकर पति उनुका के पूरा तरीका से संतुष्ट करस ओसही पति भी अपना चरम तक पत्नी के साथ के अपेक्षा करेले। लेकिन, इ स्थिति तबे संभव बा जब दुनो मानसिक अवुरी शारीरिक रूप से एक दूसरा के चरम के आदर करत आनंद लेवे।
विशेषज्ञ के राय बा कि ए सभ प्रमुख कारण के चलते शादीशुदा जीवन में तमाम सुख के बावजूद आदमी सेक्स के मामला में नाकाम हो जाला। ए सभ कारण के अलावे, कुछ शारीरिक परेशानी बा जवना के इलाज के अभाव में सेक्स जीवन प असर परेला।
First Update: 05 August, 2015 09:36 PM