दिल्ली में 'जय भोजपुरी जय भोजपुरिया' परिवार के ओर से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के सफल आयोजन
- तारकेश्वर राय |

राष्ट्रीय भोजपुरी कवि सम्मेलन के आयोजन दिल्ली में गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के सभागार में15 जुलाई, 2018 के भईल।
जय भोजपुरी जय भोजपुरिया परिवार के ओर भोजपुरी के शेक्सपियर कहाए वाला भिखारी ठाकुर के पुण्यतिथी प 15 जुलाई, 2018 के गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के सभागार में राष्ट्रीय भोजपुरी कवि सम्मेलन के आयोजन भईल।
कार्यक्रम में मंच संचालन लव सिंह कइने, जबकि दिया जरा के कार्यक्रम के समहुत भईल। ए मौका प संस्था के अध्यक्ष श्री सतीश कुमार त्रिपाठी जी 'जय भोजपुरी जय भोजपुरिया' के अब तक के सफर के कहानी बतवले।
केशव मोहन पाण्डेय के कविता "आजुवो भरमावे वाला, भरमावता गौरैया के" से कवि सम्मेलन के शुरुआत भईल। जेपी द्विवेदी के गीत "पियऊ कवने अफतीया अझुराइल बाड़" श्रोता के थपरी पिटे के मजबुर कईलस, त डॉ पुष्पा सिंह बिसेन जी के कविता "मुठी भर आतंकी के बल प, उत्पात मचवले बाड़" लोग में जोश भर देलस।

नया उमर के विबेक पाण्डेय के कविता "लागल प्रेम के बेमारी, मिलल आधुनिक नारी" श्रोता के चेहरा प मुस्की लेआ देलस, त जलज कुमार अनुपम के कविता "हउवे पहचान हमनीके जान" सुन के छाती चाकर भ गईल।
पंडित राजीव के कविता "हम हई भोजपुरी पाठा", डॉ प्रमोद पूरी के "हम गरीब हमार चिन्ता, दु जून के निवाला बा", दिलीप पैनाली जी के कविता "काहें केहू के केहु बढ़ाई" श्रोता के मंत्रमुग्ध करे में कामयाब भईल।
तारकेश्वर राय जी के कविता "बड़ी याद आवेले मोरे गउवां के गलियां" श्रोता के मन में गांव क याद ताजा क देहलस। लव कान्त सिंह के कविता "पहिले जइसन अब आपन गाँव ना रहल" श्रोता के थपरी बटोरलस। गणेश नाथ तिवारी श्रीकरपुरी के "बेटी बचाई, बेटी पढ़ाई" आधा आबादी के ओर ध्यान खिंचलस।
सजंय कुमार ओझा जी के हास्य कविता सभागार में उपस्थित लोग के ठठा के हंसे प मजबुर कइलस। रामप्रकाश तिवारी के कविता "एगो हँसी ख़ातिर वक़्त नइखे" में बर्तमान समाज प के दिन-दासा प कटाक्ष श्रोता के निमन लागल। बिनोद गिरी के सावन गीत श्रोता के लोकगीत के प्रति लगाव के बढ़वलस आ खूब थपरी बाजल।
एकरा अलावे येह कवि सम्मेलन में नवजागरण प्रकाशन के राज कुमार अनुरागी, बिख्यात रंगकर्मी महेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ मुन्ना पाण्डेय, पत्रकार, साहीतयकार, लाल बिहारी लाल, गाजियाबाद से सुनील सिन्हा, सन्तोष कुमार "सरस", अनूप श्रीवास्तव, बी एम उपाध्याय समेत दर्जनों महानुभाव अपना कविता से माईभाषा के सम्मान में चार चाँद लगवलन।

ख़ुशी आ गौरव के बात बा की खाली सोसल मीडिया के जोर प सुदूर गाँव, महानगर, विदेश से भी श्रोता लोग कार्यक्रम में उपस्थित भईले। येह कवि सम्मेलन में हर उमिर के लोग के साथ आधी आबादी क उपस्थिति उत्साहजनक रहे । नवका पीढ़ी भी उपस्थित आ जमल रहे पूरे कार्यक्रम के दौरान ।
गांधी प्रतिष्ठान के सभागार दर्शक से भरल रहे, भीषण उमस आ गरमी के बावजूद भोजपुरी के प्रति नेह क्षोह देखके लागता की भोजपुरी खाती जनमानस के मन मे पियार त बड़ले बा जरूरत बा येके सही दिशा देवे के।
क्रिएटिव इनपुट: लव सिंह
First Update: 18 July, 2018 08:21 PM